MAHAAYUG




1.    महायुग

2.    जैसे कि नाम से ही उजागर होता है कि हर क्षेत्र में महा अर्थात महान श्रेणी को ही अपनाने व वितरण करने के विचारों को ही एक महा व्यवस्था का जामा पैहैनाया गया है

3.    महायुग एक ऐसा युग है जिसमें प्रत्येक प्राणी को महा उच्च श्रेणी का सामन साधन सुविधायें प्राणी के बिना जाने बिना मांगे समानता से देते रैहैने व कर्तव्यों को पूरा कराते रैहैने के प्रावधानों को बल पूर्वक लागू किया गया है

4.    सन्घारियों को दैहैशत में, खामोश रैहैकर, छुप कर, रैहैने, खाने पीने के जुगाड कर जीने व आत्महत्या करने को बेबस किया गया है

5.    महायुग के रचयता श्रीपक का मानना है कि ये काबलियत हर प्राणी में ईश्वर द्वारा प्रेशित की जाती रैहैती है परन्तु अमानवों द्वारा इसे सुगमता से गुलामी करा निश्चित कतल काल पर सुगमता से कतल करने के लिये प्रजनन पूर्व आनुवान्सिक गुणों को गम्भीर विषैले तत्वों द्वारा नष्ट व कमजोर कर, छल, बल, दैहैशत, जैहैर, भ्रम कानून व सन्घार द्वारा जांच कर नष्ट किया जाता आ रहा है

6.    ये बिल्कुल ऐसे ही है कि एम सी डी व सरकारी स्कूलों की कक्षा के दैहैशती स्लमी माहौल से व मुर्दा घरों में कतल कर दफ़नाये लोगों को निकाल कर टोप सीक्योरिटी जोन में नाइट क्लबों के मजेदार म्यूज़िक शोर, लाइटिग, डान्स, ड्रिन्क, फ़ूड, पार्टी, मूवी, फ़्रैन्ड से प्राइवेट, पर्सनल,कैजुअल, चोइस राइट्स मुहय्या कराते हुये बैडरूम तक लीगली रैगुलर एन्जोय कराते रैहैना है 

7.    व 120 हत्या हर मिनट के सन्घारी तन्त्र को नष्ट करना

8.    ये किसी भी प्राणी को खुशी व दुख देने के उद्देश्य से, वोट लेने के उद्देश्य से नही बनाया गया

9.    ये सन्घारों के कारणों को जड सहित समाप्त करने के उद्देश्यों की पूर्ती के लिये बनाया गया है
10. जो घोर पीढामय दर्द व दैहैशत कान्डों को दन्डाधार द्वारा इस महाव्यवस्था को बनाये रखने के लिये तत्पर है

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